तुलसी देवी, भगवान श्रीकृष्ण की सबसे श्रेष्ठ भक्तों में से एक हैं तथा कृष्ण को अत्यन्त प्रिय हैं। यही कारण है कि कृष्ण भक्त उन्हें बहुत सम्मान देते हैं और प्रतिदिन तुलसी आरती गाते हैं। तुलसी देवी की पूजा करने का दूसरा कारण स्कंद पुराण में लिखी गई उनकी महिमा है। पुराणों में कहा गया […]
Author: Gaura Krishna
हरि हराये नमः – Hari Haraye Namah Krishna
नाम संकीर्तन नामक भजन श्रीपाद नरोत्तम दास ठाकुर जी द्वारा रचित हैं। नरोत्तम दास ठाकुर जी का यह भजन बहुत ही प्रसिद्ध हैं तथा भक्तगण बड़े ही उल्लास और आनंद के साथ इसका गान करते हैं ।। इस्कॉन मे यह लोकप्रिय भजनों में से एक हैं । हरि हराये नमः (1) हरि हराये नमः कृष्ण यादवाय […]
जय राधा माधव कुंजबिहारी – Jaya Radha Madhav
( श्रील भक्तिविनोद ठाकुर जी द्वारा रचित) भक्तिविनोद ठाकुर ब्रह्म मध्व गौड़ीय संप्रदाय के महान आचार्य तथा एक महान कृष्ण भक्त थे । उन्होंने भगवान कृष्ण और उनके भक्तों की प्रसन्नता के लिए अनेक वैष्णव भजन लिखे। जय राधा माधव भजन बहुत की प्रसिद्ध भजन है तथा वैष्णवों का प्रिय भजन है भक्त बड़े प्रेम […]
राधा कृष्ण प्राण मोर – Radha Krishna Pran Mora
राधाकृष्ण प्राण मोर भजन नरोत्तम दास ठाकुर जी द्वारा रचित है। वे ब्रह्ममाध्वगौडीय सम्प्रदाय के महान आचार्य तथा एक महान कृष्ण भक्त थे। नरोत्तम दास ठाकुर जी ने अनेक वैष्णव भजन लिखें तथा उन्होने श्री चैतन्य महाप्रभु की शिक्षाओं का प्रचार किया। उन्ही का ये भजन ‘राधाकृष्ण प्राण मोर’ हम आपके सामने प्रस्तुत करने जा […]
जय जय गोराचाँदेर आरती को शोभा – Gaur Aarti
गौर आरती संध्या को 7:15 बजे श्री श्री गौर निताई की प्रसन्नता के लिए गाई जाती है । सभी भक्त बड़े आनंद तथा उल्लास के साथ इस आरती का गान करते है। एक भक्त इस आरती को गाते है तथा बाकी सभी भक्त उन भक्त के पीछे-पीछे गाते हैं। इस आरती के लेखक भक्तिविनोद ठाकुर […]
गोविन्दमादिपुरुषं तमहं भजामि – Darshan Aarti
ब्रह्मसंहिता एक संस्कृत पंचरात्र ग्रन्थ है, जिसमें सृष्टि के आरम्भ में ब्रह्मा जी द्वारा भगवान कृष्ण या गोविन्द की स्तुति की गयी है। गौड़ीय वैष्णव संप्रदाय में इस ग्रन्थ की बहुत प्रतिष्ठा है।तथा आज भी गौडीय वैष्णव के भक्त दर्शन आरती के समय यह श्लोक गाते है। दर्शन आरती के समय सभी भक्त बड़े आनंद […]
नमस्ते नरसिंहाय: Narsimha Aarti Lyrics
नृसिंह आरती की अंतिम तीन पंक्तियाँ गीत गोविंद के श्री दशावतार स्तोत्र से उद्धृत की गईं हैं। इसकी रचना भगवान के महान भक्त श्रील जयदेव गोस्वामी द्वारा की गई है । नरसिंह : नर + सिंह (“मानव-सिंह”) पुराणों में भगवान नरसिंह को भगवान विष्णु का अवतार माना गया है। जो आधे मानव एवं आधे सिंह […]
संसार दावानल लीढ लोक – Mangala Aarti Hindi
17वी शताब्दी के उत्तरार्द्ध में प्रकट हुए श्रील विश्वनाथ चक्रवर्ती ठाकुर कृष्णभावनाभवित शिष्य परंपरा में एक महान गुरु है | वे कहते हैं कि – श्रीमदगुरोरष्टकमेतदुच्चे ब्रह्मो मूहूर्त पठति प्रयत्नात। यस्तेन वृंदावन नाथ साक्षात सवैव लभ्या जानुषोऽन्त एव ।। – श्रील विश्वनाथ चक्रवर्ती ठाकुर जो व्यक्ति ब्रह्ममुहुर्त के शुभ समय में श्रीगुरु के प्रति गुणगान […]